Sunday, 3 September 2017

SUICIDE OF A MEDICAL ASPIRANT IN TAMIL NADU




It is a very sad news that a medical aspirant Anitha who had scored 1176/1200 marks in the 12th std. exam this year, committed suicide on the last Friday i.e. on the 1st Sept., because she could not clear the NEET exam., and hence didn't get admission in MBBS. Our sympathy is with her.

At this stage, as a parent and a person connected with coaching of different subjects, I would like to advise that:
1) No student/human being should commit suicide in case of any failure in life at any stage. Never surrender to such types of failures.
2) Everybody should accept this failure as a challenge and try very hard sincerely to achieve it.
3) As far as this particular case is concerned, I would like to comment/advise neutrally that:
   a) If someone fails in such a Competitive Exam, even after scoring 98% in the 12th std. exam; it is very much clear that there is something wrong in our system of Secondary & Higher Secondary Education. We all should and must look into it and revise the system such that no aspirant of any branch fails in such Competitive/Entrance exams held anywhere in the world.
   b) Instead of blaming others, we should and must try sincerely  for the amendments in the system on war basis i.e. immediately.
   c) NEET is a exam conducted for the students of Whole India, and not for any specific state/s. I fully agree with the verdict of the Supreme Court. No state must be allowed any exemption as far as such exams are concerned. And this is for the betterment of our People and the Nation.
   d) No political party must be allowed to interfere in such cases by the people affected.
   e) Media must not mention/comment on any student's caste category, i.e. whether she/he is a SC/ST/ OBC/General.
   f) We all should gear up our efforts sincerely so that no student/any aspirant/any human being commits suicide in case of any failure in life.
I AM VERY MUCH INTERESTED TO START THIS TYPE OF ACTIVITY ALL OVER INDIA AS EARLY AS POSSIBLE. I WANT TO MAKE A TEAM OF SUCH PEOPLE OF ALL AGES WHO ARE INTERESTED TO DO CHARITY WORK, FULLY OR PARTLY AND THOSE ALSO, WHO CAN CONTRIBUTE AS FAR AS FINANCIAL NEED IS CONCERNED.

Sunday, 20 December 2015

बिजलीके सामान्य खतरे, उनके उपाय और ऊर्जा संरक्षण|

                        

बिजली जीवनकी अनिवार्य जरुरत है| हर घरमे पंखाका पवन और प्रकाश/रोशनी, उसके बिना संभव नहीं है|  पुराने जमानेमे बिजलीके बिना भी हाथ-पंखा और मोमबत्ती या फानस/लालटेनके प्रकाशसे, जीवन संभव हुआ करता था जो आजकी टेक्नोलोजीकी दुनियामे असंभव जैसा है| और जब बिजलीके बिना आम आदमीका भी जीवन संभव नहीं है, तब (अ) बिजलीके साथ जुड़े हुए खतरोंकी जानकारी होना बहुत ही जरुरी है, जिससे काफी हद तक हम बड़ी या छोटी दुर्घटनाओको अवश्य टाल सकते है और (ब) बिजलीका सही (आर्थिक सन्दर्भमे) मायनेमे उपयोग कर सकते है जो ऊर्जा संरक्षणके सन्दर्भमे हरेक व्यक्तिको जानना बहुत ही जरुरी है|    
(१) घरमे जो बिजली दी जाती है वो २३० या २५० वोल्ट-ऐ.सी. होती है| घरके वायरिंगमे २/३/५ पिनवाला सॉकेट/प्लगका उपयोग होता है जो नीचे दी गई आकृतिमे दर्शाया गया है| ३ और ५ पिनवाले सॉकेटमे बताई गई सबसे बड़ी  और लम्बी पिन अर्थिंगकी होती है, जो बिजलीके झटकेसे सुरक्षा देती है| ये सुरक्षा पानेके लिए, वो पिनमे अर्थिंग वायर (हरा रंगका) लगाना अनिवार्य है, और जो यंत्र/उपकरणमें उसका उपयोग किया जाता है, उसकी धातुकी बॉडी/कवरको भी अर्थिंग वायर लगाना अनिवार्य है| ये सभीके बिना बिजलीके झटकेसे सुरक्षा नहीं मिलेगी| इसलिए जब भी नया वायरिंग करवाते हो या पुराना वायरिंगकी मरम्मत करवाते हो तब अर्थिंग वायरका जोडान(कनेक्शन) सुनिश्चित कर लेना बहुत ही अनिवार्य है|   
३ पिन या ५ पिनवाला सॉकेट, २ पिन और ३ पिनवाले पिन टॉपके लिए उपयोगमें लिया जाता है| ५ पिनवाले सॉकेटमे, नीचे  दी गयी २-२  पिनोके बीच,उसके हिसाबसे अलग अलग अंतर रखा जाता है|       

     


(२) जब मशीनका बॉडी / आवरण धातुका हो, तब उसको अर्थिंग करना / अर्थिंग वायर लगाना अनिवार्य  है|अगर बॉडीको अर्थिंग नहीं किया गया तो, सिर्फ सॉकेटमे लगाये गए अर्थिंग वायरसे, बिजलीके झटकेके  सामने सुरक्षा नहीं मिलेगी |
अर्थिंग वायर जब धातुकी बॉडीको लगाया गया हो तो उसे साफ़ सुथरा रखना चाहिए| कनेक्शन चुस्त या ने टाइट होना चाहिए और कनेक्शन जिसमे लगाये गए हो वो नट-बोल्ट पर काट नहीं लगे उसका ध्यान रखना चाहिए| ये सबका नियमित रूपसे निरिक्षण करते रहना चाहिए और जरुरत होने पर उसकी मरम्मत करते रहनी चाहिए|
(३) जब भी वायरिंग करवाते हो तब फेज़ वायरका कनेक्शन स्विचसे ही लिया जाय उसका अवश्य ध्यान रखे| अगर गलतीसे भी फेज़  वायर का कनेक्शन स्विचसे नहीं बल्कि डायरेक्ट किया होगा, तो रातको ट्यूब लाइट प्रकाशका झबकारा मारती रहेगी, जिससे ट्यूब लाइट की आयु कम होगी| तदुपरांत ट्यूब लाईटके फिटिंगपर बिजलीके झटकेकी संभावना बढ़ जाएगी|  
(४) पानी बिजलीका सुवाहक है, इसलिए आप जब भी लाइट, पंखा, फ्रीज़, वोशिंग मशीन या बिजलीसे चलता और कोई उपकरण चालू या बंद करे तब अपना हाथ अवश्य सुखा रखे, वरना बिजलीका झटका लगनेकी संभावना रहेगी| विशेषतः ऐसी गलतियाँ संडास  या बाथरूमसे बाहर निकलनेके वक़्त सभीसे होती है| आपकी थोडी सी लापरवाही आफत या हादसेको आमंत्रित करेगी|
(५) बाथरूममे अगर बिजली या गैससे चलनेवाला गीज़र लगाया हो तो नीचे बताई गई सुचनाओका अवश्य पालन करे|
-बाथरूममे  एग्जॉस्ट फैन अवश्य लगवाये, और जब भी गीज़र  चालू करे, उसके पहले एग्जॉस्ट फैन अवश्य चालू करे|
-गीज़र चालू करके, और गीज़र चालू हो तब स्नान करनेके लिए न बैठे| जरुरी मात्रामे गरम पानी निकालनेके बाद ही स्नान करने बैठे, वरना धुएँसे बेहोश होनेकी सम्भावना बहुत  ही बढ़ जायेगी| अगर संभव हो तो बाथरुमका दरवाजा बंद न करे| एग्जॉस्ट फैनकी मरम्मत और निरिक्षण करे जिससे उसकी जब भी जरुरत हो तो  हमेशा चालू  कर पाये|
(६) हो सके तो, वायरिंग करवानेके वक्त, हर कमरेमे सही मात्राका फ्यूज लगवाये या एम.सी.बी. लगवाये, जिससे अपनी सुरक्षा बढे और उपकरण तथा वायरिंग को कोई हानि न हो| और घरकी मुख्य लाइनमे सही मात्राकी एम.सी.बी. और ई.एल.सी.बी. लगवाये, जिससे पुरे घरकी सुरक्षा बनी रहे|
(७) पंखेके रेग्युलेटर्स इलेक्ट्रॉनिक टाइपके ही लगवाये ( छोटे, बॉक्स जैसा; अंदाजसे डेढ़ *दो इंच का ) जिससे बिजलीका व्यय न हो और बिजलीका बिल कम आये| बड़े डिब्बे जैसे रेग्युलेटर्स(अंदाजसे चार *छे इंच का ) में बिजलीका बहुत व्यय होता है जिसके कारन  बिल बहुत ज्यादा आता है| कोई भी उर्जाका संरक्षण करना हम सबकी फर्ज है|


         
 Elecronic type                 Elecronic type



      Resistance Type

                                           



(८) वायरिंग करवानेके वक़्त वायर्स, बिजलीके उपकरण और बिजलीका सब सामान आई.एस.आई. या कमसे कम आई.एस. मार्क वाले हो उसका अवश्य ध्यान दे या जांच ले| डुप्लीकेट या सस्ता सामानसे
खतरा बढनेकी संभावना रहती है|
(९)और अंतमे नीचे दी गयी सुचना का अवश्य पालन करे|
जब भी लाइट ( प्रकाश)की या पंखेकी या ऐर कंडीशनिंग मशीनकी  जरुरत न हो तब उसकी स्विच अवश्य बंद करे, क्योंकि विद्युत उर्जाका व्यय करना सबके लिए हानिकारक है| आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी हो फिर भी, हमारी अगली पेढीके लिए ऊर्जा बचाना हम सबकी जिम्मेदारी ही नहीं बल्कि फर्ज भी है| अगर विद्युत उर्जाका व्यय बढ़ेगा तो बिल बढ़ सकता है और ऊर्जा पैदा करनेवाला भूमिगत  पदार्थ/स्त्रोत कम होता जायेगा जो पूरा विश्वके लिए गंभीर समस्या बनेगा| कुछ सालके बाद आनेवाली आफत जल्दी आयेगी| इसलिए एक उमदा मानवीके नाते ऊर्जा बचानेमें आपका पूरा सहकार दे|
आपका थोड़ा ध्यान या थोड़ी परवाह, अपने लोगोंकी सुरक्षा बढानेमे और व्यय कम करनेमे जरूर मददरूप होगा|
घरेलु बिजलीके खतरे या ऊर्जा संरक्षणके बारेमें आपके कोई भी प्रश्न या सुझाव आवकार्य है|
                               
                                       ELCB & RCCB(MCB)